20.9 C
New York
Friday, September 20, 2024

Buy now

spot_img

समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला कमलादेवी चट्टोपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई

 

समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला कमलादेवी चट्टोपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई

रादौर, प्रदेश एजेण्डा न्यूज़

कांग्रेस पार्टी की ओर से रविवार को समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला कमलादेवी चट्टोपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयसिंह ढिल्लों ने बताया कि कमलादेवी चट्टोपाध्याय का जन्म 3 अप्रैल 1903 में हुआ था। उन्होंने मंगलोर तथा बाद में लंदन के अर्थशास्त्र स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने 1920 के दशक में खुले राजनीतिक चुनाव में खड़े होने का साहस जुटाया था, वह भी ऐसे समय में जब बहुसंख्यक भारतीय महिलाओं को आजादी शब्द का अर्थ भी नहीं मालूम था। ये गाँधी जी के ‘नमक आंदोलन 1930 और ‘असहयोग आंदोलन’ में हिस्सा लेने वाली महिलाओं में से एक थीं। नमक कानून तोड़ने के मामले में बांबे प्रेसीडेंसी में गिरफ्तार होने वाली वे पहली महिला थीं। 1952 में आल इंडिया हैंडीक्राफ्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया। ग्रामीण इलाकों में इन्होंने घूम-घूम कर एक पारखी की तरह हस्तशिल्प और हथकरघा कलाओं का संग्रह किया। जब ये गांवों में जाती थीं, तो हस्तशिल्पी, बुनकर, जुलाहे, सुनार अपने सिर से पगड़ी उतारकर इनके कदमों में रख देते थे। इसी समुदाय ने इनके अथक और नि:स्वार्थ मां के समान सेवा की भावना से प्रेरित होकर इनको ‘हथकरघा मां’ का नाम दिया था। उन्होंने बताया कि कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने ‘द अवेकिंग ऑफ इंडियन वोमेन’ वर्ष 1939, ‘जापान इट्स विकनेस एंड स्ट्रेन्थ’ वर्ष 1943, ‘अंकल सैम एम्पायर’ वर्ष 1944, ‘इन वार-टॉर्न चाइना’ वर्ष 1944 और ‘टुवड्र्स ए नेशनल थिएटर’ नामक पुस्तकें भी लिखीं, जो बहुत चर्चित रहीं। उन्होंने बताया कि समाज सेवा के लिए भारत सरकार ने इन्हें नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से 1955 में सम्मानित किया। 1987 में भारत सरकार ने अपने दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से इन्हें सम्मानित किया।  सामुदायिक नेतृत्व के लिए  1966 में इन्हें ‘रेमन मैग्सेसे’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन्हें संगीत नाटक अकादमी की द्वारा ‘फेलोशिप और रत्न सदस्य’ से सम्मानित किया गया। संगीत नाटक अकादमी के द्वारा ही वर्ष 1974 में इन्हें ‘लाइफटाइम अचिवेमेंट’ पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। कमला देवी भारत में नारी आन्दोलन की पथ प्रदर्शक थी। 29 अक्टूबर 1988 में उनका निधन हो गया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles